वास्तु भारतीय समाज की पुरानी परम्परा है | यदि वास्तु के नियम का पालन किया जाये तो जीवन सुखमय हो जाता है | वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन निमार्ण करने के साथ-साथ घर की वस्तुओं के रखरखाव में भी वास्तुशास्त्र का बहुत अधिक महत्व है | जब भी आप घर बनाए तो वास्तु के नियमों कावास्तु भारतीय समाज की पुरानी परम्परा है | यदि वास्तु के नियम का पालन किया जाये तो जीवन सुखमय हो जाता है | वास्तु शास्त्र के अनुसार भवन निमार्ण करने के साथ-साथ घर की वस्तुओं के रखरखाव में भी वास्तुशास्त्र का बहुत अधिक महत्व है | जब भी आप घर बनाए तो वास्तु के नियमों का पालन करें | जिससे घर में सुख शांति तथा सम्रद्धि बनीं रहे | तो जानिये घर बनवाते समय प्रयोग की जाने वाली वास्तु टिप्स :-

1. घर का मुख्य द्वार पूर्व में स्थित द्वार पूर्व में मध्य में न होकर उत्तर पूर्व की ओर या दक्षिण पूर्व की ओर होना चाहिए |

2. आप जिस तिजोरी या अलमारी में कैश व ज्वेलरी रखते हैं उस तीजोरी या अलमारी को हमेशा कमरे के दक्षिण दिशा की दीवार से लगाकर रखना चाहिए | जिससे अलमारी का मुंह उत्तर की ओर खुलेगा. इस दिशा के स्वामी देवताओं के खजांची कुबेर हैं |

3. तिजोरी का दरवाजा उत्तर दिशा की ओर खुलने से धन में बढ़ोतरी होती है |

4. वास्तु शास्त्र के अनुसार ऑफिस का मुख्य द्वारा पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए. यह दिशा ऑफिस के मुख्य द्वार के लिए शुभ मानी जाती है |

5. वास्तु के अनुसार मास्टर बैडरूम को घर के दक्षिण पश्चिम या उत्तर पश्चिम की ओर बनाना चाहिए. यदि घर दो मंजिला है तो मास्टर बैडरूम ऊपरी मंजिल के दक्षिण पश्चिम कोने में होना उचित माना जाता है |

6. जब भी आप दुकान बनाए तो उसका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर बनाना चाहिए. यदि यह सम्भव ना हो तो दुकान का मुंह आप पश्चिम दिशा की तरफ भी बना सकते हैं |

7. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में स्नानघर को हमेशा स्थान पूर्व दिशा को ओर बनाना चाहिए यह इसके लिए उचित दिशा मानी जाती है |

8. बच्चों के पढ़ाई का कमरा पूर्व, उत्तर, या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए तथा कमरे का दरवाजा भी इसी तरफ खुलना चाहिए. इससे बच्चे के ज्ञान में वृद्धि होती है |

9. घर में रसोई बनाने के लिए आग्नेय कोण को सबसे महत्वपूर्ण दिशा माना जाता है यानि आप जब भी किचन बनाए तो आग्नेय कोण में ही बनाए |

10. घर में मंदिर बनाते समय हमेशा उत्तर-पूर्वी दिशा सबसे उपयुक्त मानी गयी है | पूजा घर को ईशान दिशा में बनवाने से घर में ज्ञान की वृद्धि तथा आत्मा की शुद्धि होती है तथा सुख-समृद्धि व शान्ति की वृ़िद्ध होती है |

11. घर का टॉयलेट बनाने के लिए वास्तु शास्त्र के मुताबिक सबसे अच्छा स्थान दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण दिशा को माना जाता है |

12. यदि मकान का मेन गेट पूर्व दिशा की ओर हो तो भवन के उत्तर-पूर्व में खाली जगह जरूर छोड़ें। इससे आपकी हेल्थ बेहतर रहेगी।

13. जहां तक हो सके मकान का पूर्व भाग नीचा रखें। इससे घर का मालिक हेल्दी व पैसे वाला होगा।

14.. यदि मकान में किराएदार रखना हो तो स्वयं ऊपरी मंजिल में रहें और किराएदार को ग्राउंड फ्लोर में रखें।

15. मकान के आग्नेय (पूर्व-दक्षिण) कोण में कोई अन्य दरवाजा न रखें। यदि ऐसा करेंगे तो चोरी व आगजनी का खतरा बना रहेगा।

16. घर की पूर्व दिशा या पूर्व-उत्तर (ईशान) कोण में कुआं, हैंडपंप या ट्यूबवेल का स्थान अवश्य बनवाएं।

17. पूर्व दिशा में बरामदा नीचा रखने पर घर के लोग हेल्दी रहेंगे और मान-सम्मान भी बढ़ेगा।

18. बरामदा और भवन का खाली भाग नीचा रखने पर पारिवारिक सुख व धन लाभ होता है।

19. दक्षिण दिशा में मेन गेट वाले घर में पानी की निकासी उत्तर दिशा से होनी चाहिए। इससे घर की महिलाओं की हेल्थ ठीक रहेगी। यदि उत्तर दिशा से जल का निकास न हो सके तो पूर्व दिशा से जल का निकास होना चाहिए। ऐसा करने पर पुरुषों की हेल्थ ठीक रहेगी।

20. दक्षिण दिशा में मकान के सामने टीले, पहाड़ी और कोई ऊंचा भवन हो तो शुभ फल देता है।